Monday, April 24, 2017

Zindagi

*ज़िन्दगी*

कभी खुशी है तो कभी गम है ज़िन्दगी
भावनाओ का एक समंदर है ज़िन्दगी ।
कभी अनुभव है तो कभी सबक है ज़िन्दगी
कभी समझ ना आये वो पहेली है ज़िन्दगी ।

कभी तपती धूप है तो कभी ठंडी छाँव है ज़िन्दगी
वो बिन मौसम की बरसात है ज़िन्दगी ।

कभी गलतियों से भरी है तो कभी सही है ज़िन्दगी
सीख कर ही बनती है लाजवाब ज़िन्दगी ।

कभी ऐतराज़ है तो कभी ऐतबार है ज़िन्दगी
एक खूबसूरत सी मोहब्बत है ज़िन्दगी ।

कभी कविता है तो कभी किसी की कहानी है ज़िन्दगी
कभी पूरी ना पढ सको वो किताब है ज़िन्दगी ।

कभी जागी रैना है तो कभी गहरी नींद है ज़िन्दगी
सोच सको तो सपनो की चादर है ज़िन्दगी ।

कभी अपनो की भीड़ है तो कभी अकेली है ज़िन्दगी
मीलों की तनहाई मे एक गहरी दोस्ती है ज़िन्दगी ।

कभी मुस्कुराती कली है तो कभी चुभता कांटा है ज़िन्दगी
कुदरत के रंग बिरंगे फूलों की बहार है ज़िन्दगी ।

कभी गीत है तो कभी एक साज़ है ज़िन्दगी
सुन सको तो एक संगीत की महफिल है ज़िन्दगी ।

कभी रुकती है तो कभी संभलती हर एक से जीत जाती है ज़िन्दगी
आखिरकार मौत ही है जिससे मात खाती है ज़िन्दगी ।

कभी तुम आज़माओ तो कभी आज़माए ज़िन्दगी
खुशनसीबी से मिली है सो खुलकर जियो ज़िन्दगी ।

क्या पता कब फिसल जाये रेत की तरह ज़िन्दगी ।
क्या पता कब फिसल जाये रेत की तरह ज़िन्दगी ॥
©Goldli